कबीर परमेश्वर शरीर प्रकट होते हैं

कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट होते हैं

#623rd_GodKabir_PrakatDiwas
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रम संवत् 1455 सन 1398 सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में कबीर साहेब जी काशी के लहरतारा नामक तालाब में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए।
जहां से स्नान करने गए हुए निरु नीमा को मिले फिर उनकी परवरिश की लिला कुंवारी गायों से हुई जिसके विषय में ऋग्वेद मंडल 9 सुक्त 1 मंत्र नंबर 1से 9 में प्रमाण की
 पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब इस धरातल पर आता है तो उसकी परवरिश कुंवारी गायों से होती है ।
कुंवारी गाय दूध देती है वह परमात्मा से पीते हैं।
अधिक जानकारी के लिए जरूर देखें साधना टीवी चैनल शाम 7: 30 बजे से 8 :30 बजे तक।


Kabir Prakat Diwas 2020

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